जब-जब धरती पर अन्याय और अत्याचार बढ़ता है,तभी प्रभु अवतार लेकर आते हैं,और पा-पियों का संघार करते है.:- गोपाल कृष्ण शास्त्री
सकरा प्रखंड स्थित बघनगरी गांव में गुप्त नवरात्री मे आयोजित 9 दिवसीय शत चंडी महायज्ञ के सातवें दिन शुक्रवार को अयोध्या से आए कथा वाचक कृष्ण गोपाल शास्त्री ने श्री राम जन्मोत्सव का वर्णन किया। भगवान श्री राम का जन्म धर्म की स्थापना के लिए हुआ था। श्री रामचरितमानस में प्रमुख पांच कारण बताए गए हैं। जय विजय को श्राप,सती वृंदा जालंधर प्रसंग,नारद मोह,मनु शतरूपा जी का ताप एवं प्रताप भानु की कथा लेकिन भगवान श्री राम जन्म का मुख्य कारण है, भक्तों का प्रेम और अपने भक्तों के प्रेम के वशीभूत होकर के भगवान अवतरण लेते हैं।
भगत प्रेम बस शगुन सो होइ..
आगे के कथा मे उन्होंने कहा कि भगवान मानव मूल्यों का उपदेश देने के लिए तथा चरित्र निर्माण के लिए भगवान श्री राम का अवतार इस धरा धाम पर हुआ था।भगवान श्री राम ने इस धरा धाम पर अवतार लेकर मात्रा राक्षसों को करने का ही लक्ष्य नहीं बनाया अपितु मानव अवतार ग्रहण करके मनुष्य को मनुष्य बनाने का भाई को भाई,पति को पति तथा मित्र को एक आदर्श मित्र बनने का उपदेश भी दिया दिया।
इस अवसर पर यज्ञ के मुख्य यजीमान आचर्य पंडित हरिमोहन झा,अध्यक्ष उमा शंकर मिश्रा, कार्यकर्त्ता रामकिशोर मिश्रा, नंदू मिश्रा, दीपक झा ,अभिषेक झा, पुजारी नागेश्वर मांझी, धर्मेंद्र कुमार, मंजेश झा,रविकर मिश्रा आदि कार्यकर्त्ता मौजूद थे।
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